नींद की कमी से गंभीर बीमारी और मौत का खतरा, वैज्ञानिकों ने डेवलप किया नया ब्लड टेस्ट, होंगे कई फायदे
नींद की कमी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ब्लड टेस्ट डेवलप किया है जो यह पता लगा सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटों से सोया नहीं है.
नींद की कमी से गंभीर बीमारी और मौत का खतरा, वैज्ञानिकों ने डेवलप किया नया ब्लड टेस्ट, होंगे कई फायदे
नींद की कमी से गंभीर बीमारी और मौत का खतरा, वैज्ञानिकों ने डेवलप किया नया ब्लड टेस्ट, होंगे कई फायदे
अगर आप 8 घंटे की नींद नहीं ले पाते हैं तो आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. कई रिसर्च में ये साबित हुई है कि नींद पूरी न होने के कारण कई बीमारियों का खतरा रहता है. नींद की कमी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ब्लड टेस्ट डेवलप किया है जो यह पता लगा सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटों से सोया नहीं है.
नींद की कमी से होती है कई बीमारी
इससे शरीर में दर्द, थकान, वजन बढ़ना और तनाव जैसी कई समस्याएं हो सकती है. इससे डायबिटीज जैसी समस्या भी हो सकती है. नींद की कमी से हृदय रोग, किडनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, स्ट्रोक, मोटापा और डिप्रेशन हो सकता है.
नींद की कमी से मौत का खतरा
ऑस्ट्रेलिया में मोनाश विश्वविद्यालय और ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार, नींद की कमी से गंभीर बीमारी या मृत्यु का खतरा भी बढ़ सकता है. साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बायो मार्कर टेस्ट से पता लग सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटे तक जाग रहा था या नहीं. ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय में नींद और सर्केडियन विज्ञान के प्रोफेसर क्लेयर एंडरसन ने कहा, "वैज्ञानिकों के लिए यह वास्तव में एक रोमांचक खोज है और अपर्याप्त नींद से संबंधित स्वास्थ्य प्रबंधन में परिवर्तनकारी हो सकती है.
20 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं का कारण नींद की कमी
दुनिया भर में लगभग 20 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं नींद की कमी के कारण होती है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह खोज नींद से वंचित ड्राइवरों की आसानी से पहचान कर सकती है जिससे भविष्य में इस मामले का आसानी से उपचार हो. एंडरसन ने कहा, "इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पांच घंटे से कम नींद असुरक्षित ड्राइविंग से जुड़ी है, लेकिन 24 घंटे जागने के बाद गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाने से कहीं ज्यादा खतरनाक है. यह टेस्ट भविष्य में फोरेंसिक उपयोग के लिए भी हो सकता है लेकिन आगे सत्यापन की आवश्यकता है. यह नींद की कमी का बायोमार्कर टेस्ट 24 घंटे या उससे अधिक जागने पर आधारित है, लेकिन 18 घंटे तक जागने का पता भी लगा सकता है.
05:38 PM IST